• बांग्लादेश में बर्खास्त बीडीआर जवानों का प्रदर्शन, नौकरी बहाली और मुआवजे की मांग

    बांग्लादेश राइफल्स (बीडीआर) के सैकड़ों बर्खास्त जवानों ने रविवार को ढाका में प्रदर्शन किया

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    ढाका। बांग्लादेश राइफल्स (बीडीआर) के सैकड़ों बर्खास्त जवानों ने रविवार को ढाका में प्रदर्शन किया, जिसमें उन्होंने नौकरी की बहाली और मुआवजे की मांग उठाई। यह प्रदर्शन बीजीबी (बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश) मुख्यालय के पिलखाना गेट के सामने किया गया।

    प्रदर्शनकारियों में अधिकतर वे जवान शामिल थे, जिन्हें 2009 की पिलखाना हत्याकांड के बाद सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उस हत्याकांड में कुल 74 लोग मारे गए थे, जिनमें 57 सैन्य अधिकारी शामिल थे।

    स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने इलाके में बड़ी संख्या में पुलिस, सेना और बीजीबी बल तैनात किए। एक अधिकारी ने बताया कि प्रदर्शनकारी बीजीबी मुख्यालय के सामने फुटपाथ पर बैठे हैं और हम उनसे बातचीत करने की कोशिश कर रहे हैं।

    बांग्लादेश की स्थानीय अखबार 'प्रोथोम अलो' की रिपोर्ट के अनुसार, 25 फरवरी 2009 को 'बीडीआर वीक' के दौरान पिलखाना मुख्यालय के दरबार हॉल में सैकड़ों जवानों ने हथियारबंद विद्रोह किया था। बाद में बातचीत के माध्यम से यह विद्रोह शांत कराया गया और हथियार, गोला-बारूद तथा ग्रेनेड सरकार को सौंप दिए गए।

    इस मामले में अब तक 152 लोगों को मौत की सजा, जबकि 423 को कैद की सजा सुनाई गई है। साथ ही, 5,926 जवानों को 57 अलग-अलग मामलों में चार महीने से सात साल तक की कैद की सजा दी गई है।

    हाल ही में ढाका में हुए एक स्मृति समारोह में बांग्लादेश सेना प्रमुख जनरल वाकर-उज-जमान ने इस मामले की निष्पक्ष सुनवाई में बाधा न डालने की अपील की थी। उन्होंने दोहराया कि यह जघन्य कांड तत्कालीन बीडीआर के जवानों द्वारा ही अंजाम दिया गया था।

    हाल के महीनों में बर्खास्त जवानों और उनके परिवारों द्वारा फैसले को रद्द करने, जेल में बंद साथियों की रिहाई और न्याय की मांग को लेकर कई बार प्रदर्शन किया गया है। यह मुद्दा बांग्लादेश की राजनीति और सैन्य प्रशासन के बीच एक संवेदनशील विषय बना हुआ है।

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